Saturday, December 31, 2011

नव वर्ष की शुभ कामनाये HAPPY NEW YEAR

नव वर्ष की शुभ कामनाये,
                                     प्रिय मित्रो !
                                     आपको विशेषकर युवा मित्रो को मेरी और से नव वर्ष की शुभ कामनाये *
                                     मित्रो नया वर्ष आता है और साथ में खुशिया लाता है,और युवा मित्रो के लिए नयी -नयी चुनोतिया लाता है.मित्रो मेरा आपसे अनुरोध है चाहे साधनों की कितनी भी कमी हो.कितनी भी रूकावटे हो हमें पूर्ण क्षमता के साथ एवं उत्साह के साथ लक्ष्य की पूर्ति हेतु प्रयास करना है.
                                     लक्ष्य की पूर्ति हेतु प्रयास प्रारंभ करना ही सफलता ही पहली सीढ़ी है.मित्रो जैसे ही हम प्रयास प्रारंभ करते है समझो की आधी सफलता हमें मिल गयी.सही दिशा में किये गए प्रयास हमें सफलता की और ले जाते है .
                    आप सभी को पुनः नए वर्ष २०१२ की हार्दिक शुभ कामनाये .

Friday, November 25, 2011

कुछ RIGID हो जाएँ

कुछ RIGID हो जाएँ !
                                मित्रों आप सभी को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार!
                                मित्रो आज हमारी प्रवृति समझोतावादी हो गयी है.जीवन की हर समस्या को हम टालने की प्रवृत्ति रखते है.मै उदाहरण के रूप में आपको हमारे शहरों की प्रमुख समस्या की और आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ.हमारे शहरों में विभिन्न स्थानों पर कूड़े कचरे के ढेर पड़े होते है - ज्यादातर हम नाक पर रूमाल रख कर निकल जाते है.

                              मै अपने ब्लॉग के माध्यम से इस समस्या के निराकरण हेतु कुछ सुझाव देना चाहता हूँ.हमारे धरम गुरुओ के बड़ी संख्या में शिष्य है,जो उनके इशारे पर कुछ भी करने को तत्पर रहते है.अभी कुछ दिनों पूर्व संत राम रहीम जी ने जयपुर में एक दिन का अभियान चला कर जयपुर की सफाई हेतु अभियान चलाया.मेरी दृष्टि में एक अनुकर्णीय व् सराहनीय प्रयास है.इसी प्रकार बाड़मेर राज के जिलाधीश ने जन सहयोग से शहर की सफाई हेतु अभियान चला कर जनता को अच्छा सन्देश दिया है.
                          इसी प्रकार यदि हम शहर की स्वछता हेतु सजग रहे तो काफी हद तक तो शहरों की छवि में सुधार कर सकते है!कुछ RIGID हो कर हम कूड़े को सही स्थान पर डाले.अपने बच्चो को भी इस बारे में जागरूक करे तब ही कुछ देश की बेहतर तस्वीर बन सकती है *

Wednesday, October 19, 2011

HAPPY DIWALI

हैप्पी दिवाली
                    मित्रों साथियों दोस्तों आप सभी  को हैप्पी दिवाली!
                    आज मै अपने छोटे छोटे प्यारे प्यारे दोस्तों से कुछ बाते शेयर करना चाहता हूँ.दोस्तों दीवाली मनानी है! जोर शोर के साथ मनानी है.पटाखे फुलझरी जलाने है और आप के घर में शायद कुछ स्वीट बन रही है मुझे उसकी खुशबु आ रही है.तो खूब दीवाली का फेस्टिवल एन्जॉय करने के लिए हम सब तैयार है.अरे रे रे ये किसने जोर से अटम बोम्ब चलाया मेरे कान में अभी तक धमाके की आवाज गूँज रही है.अरे भाई कम आवाज वाले पटाखे चलाइये किसी को तेज आवाज से तकलीफ हो सकती है.
                रोशनी करने वाली आतिशबाजी  मुझे अच्छी  लगती है,रोशनी की बात से याद आया आप के पड़ोस में रहने वाले गरीब बच्चो के पास शायद पटाखे कपडे आदि नहीं होते है,आप उनकी मदद कर उनके जीवन में भी रोशनी कर सकते है.कुछ पटाखे प्रदुषण    भी फैलाते है इनका इस्तेमाल भी कम से कम करे.
                  एक बार फिर सभी मित्रो को दिवाली की शुभकामनाये!
                  खूब एन्जॉय करे जो मित्र इंडिया से बाहर रहते है उन्हें दिवाली की बहुत बहुत शुभकानाए  शेष फिर !    

                आपका मित्र राजेश भरद्वाज          

Wednesday, October 5, 2011

जिद करो दुनिया बदलो

जिद करो दुनिया बदलो,
                                     मित्रो आप सभी को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार!
                                     मित्रो वैसे सामान्यतः जिद करना अच्छा नहीं माना    जाता है,परन्तु यदि हम जिद को एक संकल्प के रूप में देखे तो बहुत सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे.
                                      जो जीवन में हमारा लक्ष्य है चाहे वह लक्ष्य हमें बड़ा या कठिन प्रतीत होता परन्तु यदि हम मन में दृढ इच्छा शक्ति के साथ उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे, तो उस लक्ष्य को हम अवश्य प्राप्त कर लेंगे.एक जिद के साथ, एक संकल्प शक्ति के साथ पूरी ताकत और सामर्थ्य के साथ उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें जुट जाना चाहिए.फिर कोई भी कठिन लक्ष्य हो हमें सफलता अवश्य मिलेगी.
                                      लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में यदि छोटी या बड़ी बाधाएं आए हमें दृढ़ता के साथ उनका समाधान करना चाहिए.एक जिद्दी बच्चे की तरह अपनी जिद या संकल्प को अवश्य पूरा करना चाहिए.
                                      संकट में हे धीर वीर तू बढ़ता चल!
                                      बाधाओ को चिर वीर   तू बढ़ता चल !!

Saturday, August 27, 2011

अन्ना हजारे की जीत VICTORY OF ANNA HAJARE

अन्ना हजारे की जीत,
                                  मित्रो अन्ना हजारे दृढ संकल्प के साथ अनशन पर बैठे है.जन लोक पाल को लागू करने के लिए सारे देश से विशेष कर युवा वर्ग से उन्हें भरपूर समर्थन मिल रहा है.देश का आम नागरिक जो भ्रष्टाचार से जूझ रहा  है अन्ना के साथ है.जनता चाहती है जो पैसा वह सरकार को टैक्स के रूप में देती है,वो पैसा सरकार ईमानदारी से विकास कार्यो में लगाये.रोज मर्रा के कामो के लिए उसे रिश्वत न देनी पड़े. 
                                विपक्षी दल आधे अधूरे  मन से अन्ना का साथ देने का दम भर रहे है.उन्हें अन्ना का खुले मन से समर्थन करना चाहिए.भ्रष्टाचार से देश के लोग मुक्ति चाहते है ये बात सभी राजनैतिक दलों को समझ लेनी चाहिए.
                                 आइये हम सब अन्ना और आम जनता की जीत के लिए उनका साथ दे
                                 

                  

Sunday, August 14, 2011

PUSTAK MITRA पुस्तक मित्र


 पुस्तक मित्र,

मित्रो आप सभी को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार !

वर्त्तमान समय में हम सभी मनोरंजन के लिए टी वी देखते है या कंप्यूटर पर सर्फिंग करते है या नेट पर चेटिंग करते है.परन्तु मेरा ये मानना है की पुस्तके हमें सही मार्ग दर्शन देती है,पुस्तके ही सच्ची  मित्र है.महापुरुषों की जीवनी पढ़ कर हमें जीने की सही राह  मिलती है,अच्छा साहित्य हमारा स्वस्थ मनोरंजन करता है.

पुस्तको को हम यात्रा के दोरान पढ़ कर हम समय व्यतीत कर सकते है.अवकाश के समय में भी पुस्तके बेहतर साथी होती है.वर्तमान में युवा पीढ़ी पुस्तकों से दूर होती जा रही है.बर्थ डे आदि  अवसरों पर सभी आयु वर्ग के लोगो को उनकी रूचि के अनुसार पुस्तके भेट में दी जा सकती है.बच्चो को कॉमिक्स युवा वर्ग को प्रतियोगिता में सफलता पाने की पुस्तके तो बुजुर्ग लोगो को धार्मिक पुस्तके भेट में दी जा सकती है.

अच्छी पुस्तके हमें निराश से आशापूर्ण जीवन की और ले जाती है.

अच्छी पुस्तके पढ़िए  आगे बढिए
 

BE A GOOD CITIZEN अच्छे एवं जागरूक नागरिक बनिए

BE A GOOD CITIZEN
अच्छे एवं जागरूक नागरिक बनिए

सभी भाई - बहिनों को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार!
मित्रो स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मै आपसे कुछ आग्रह कुछ अनुरोध करना चाहता हूँ.देश को आज़ादी मिले इतने वर्ष हो गए फिर भी देश के नागरिक मूलभूत सुविधाओ से वंचित है.जैसे अच्छी सड़के,स्वच्छ पीने  का पानी,शहर गाँव में स्वछता का अभाव.इन सब समस्याओ का मूल कारण क्या है ? इसका मूल कारण है जिन जन प्रतिनिधियों को हमने चुना है उनमे इच्छा शक्ति का अभाव और हम नागरिको में जागरूकता का अभाव.

आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम ये प्रतिज्ञा ले की जब भी हम नेताओ से मिलेंगे तब उन पर इन समस्याओ को दूर करने हेतु दबाव बनायेंगे.साथ ही उन्हें ये अहसास दिलाएंगे की जब. तक वे इन समसयाओ से हमें मुक्ति नहीं दिलाते है,अगले चुनावो में उनका जीतना असंभव है.

साथ ही आपसे ये अनुरोध है की जो लोग व्यवस्था में सुधार हेतु जो लोग [जैसे अन्ना हजारे या बाबा रामदेव] संघर्ष कर रहे है उनका जी जान से समर्थन करे.इन्ही लोगो को अपना हीरो माने.भ्रष्ट नेताओ या फ़िल्मी अभिनेताओ को नहीं.समर्थन नहीं भी करे तो अनावश्यक रूप से उनका विरोध न करे.
      शेष फिर!
\                               जय हिंद


Friday, July 29, 2011

संसार मुसाफिरखाना है WORLD IS AN INN

संसार मुसाफिरखाना है

                                    मित्रो ये संसार एक मुसफिखाना या एक होटल के सामान है.हर व्यक्ति इस संसार रूपी होटल में अधिक से अधिक रुकना चाहता है.परन्तु क्या इस संसार रूपी होटल या सराय में वह अपनी इच्छा से रुक सकता है?
                       
                                    नहीं मित्रो बिलकुल नहीं इस होटल का मालिक बड़ा कठोर है? वह कभी भी किसी को भी अपने होटल से बाहर कर देता है, उस के दिल में दया नहीं है.वह छोटा देखता है न बड़ा,बच्चा देखता है   न बूढ़ा.आमिर देखता है न गरीब न दिन देखता है न रात.कभी भी होटल खली करने का हुकम दे देता है

                                  मेरी बहने-भाई बहुत सी सांसारिक वस्तुओ का संग्रह करते है -वह सब धरी रह जाती है,होटल का मालिक कुछ भी साथ ले जाने की आज्ञा नहीं देता है,इतना जानते हुए भी मेरे भाई बहने सांसारिक वस्तुओ के संग्रह में अपने जीवन का अनमोल समय गँवा देते है.कुछ लोग तो धन प्राप्ति के लिए किसी भी सीमा तक दूसरो को पीड़ा देते है,क्या ये उचित है?

                             मित्रो हमें कभी भी ये संसार रूपी होटल कभी भी खाली करना पड़ सकता है,जीवन  बहुत सरलता के साथ ,लालच रहित,कपट रहित जीने का प्रयास करे.दूसरो को सुख ना दे सके तो दुःख भी ना दे.यही जीवन का सार है.

Thursday, July 28, 2011

SALUTE TO INDIAN PARENTS

भारतीय अभिभावकों को सलाम !

                                                     मित्रो आप सभी को मेरा स्नेह भरा नमस्कार! ये ब्लॉग भारतीय
अभिभावकों को समर्पित है.

                                                    वर्तमान समय में भारतीय पेरेंट्स बच्चे के जन्म के समय से ही उसके लिए चिंतित होना प्रारंभ कर देते है.नर्सरी कक्षा से ही बच्चे की पढाई की चिंता करने लग जाते है.अभिभावक सोचते है की उनका बच्चा जल्दी से जल्दी ज्ञानी बन जाये.

                                                     उसके लिए हर प्रकार के महंगे  से महंगे ब्रांडेड कपडे,खिलोने आदि लाते है.मध्यम वर्गीय परिवारों में बच्चे का पालन पोषण उच्च स्तरीय ढंग से किया जाता है.बच्चो की हर फरमाइश को पूरा किया जाता है.छोटे बच्चो को विडिओ गेम,मोबाइल आदि लाकर दिए जाते है.
                                                    बच्चो के बड़े होने पर मोटर साइकिल,स्कूटी आदि पेरेंट्स उन्हें बिना मांगे लाकर देते है.उच्च शिक्षा पर लाखो रुपये व्यय लोन लेकर भी करने को तैयार रहते है.इसी उम्मीद के साथ : फ़िल्मी गाना याद आ रहा है :

                                                   तुझे सूरज कहू या चंदा
                                                   तुझे दीप कहू या    तारा !
                                                   मेरा नाम करेगा रोशन
                                                   जग में मेरा राज दुलारा !!
         
                                                  बच्चे  कितना नाम रोशन करते  है ये देखने वाली बात है!

                                                  शेष चर्चा अगले ब्लॉग में,

                                                  आपका मित्र
         
                                                  राजेश भारद्वाज

                                                
                        
                                          
                                             

Wednesday, July 27, 2011

SALUTE TO INDIAN HOUSEWIVES

भारतीय गृहणियो को सलाम,
                               
                                             मित्रो सर्वप्रथम आप सभी को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार  !
                                             मित्रो शीर्षक से ही आप समझ गए होंगे की आज ब्लॉग में किसकी तारीफ के पुल बांधे जायेंगे.
                                             भारतीय गृहणिया प्रातः कल से ही घर के कम काज में व्यस्त हो जाती है.बहुत प्रसन्नता के साथ बच्चो का टिफिन तैयार करना ,पति के लिए टिफन तैयार करना.बच्चे,पति के कपडे प्रेस इत्यादि कर तैयार करना.घर को साफ  सुथरा रखना,घर को मकान के स्थान पर मंदिर के रूप में परिवर्तित  करना भारतीय गृहणी द्वारा ही संभव है.

                                          बदले में भारतीय गृहणी कुछ ज्यादा अपेक्षा नहीं रखती है,अपने मान   सम्मान और घर की रानी का दर्जा मिले यही उसकी कामना रहती है.

                                          शेष अगले ब्लॉग में आपका मित्र
                                          राजेश भारद्वाज

       

Sunday, July 24, 2011

रोबोट्स ROBOTS

रोबोट्स
        
          चल पड़े है रोबोट्स
          निकल पड़े है रोबोट्स
          अपने अपने घरो से.
    
         जिनके कार्य कलाप
         नियत्रित है अपने ही
         बनाये हुए प्रोग्राम से.

        प्रोग्राम की हार्ड डिस्क में
        सेव है -
        कोई जिए या मरे
        मुझे किसी क्या लेना
        क्या देना.

        मुझे मतलब है
        अपने आप से
        या
        अपने परिवार से.

       किसी और की
       तकलीफ या दुःख से
       इन पर कोई
       असर नहीं होता.

       क्योकि संवेदन्शीलता का
       इन रोबोट्स में
       कोई प्रोग्राम सेव नहीं है ?

      चल पड़े है रोबोट्स
      निकल पड़े है रोबोट्स
      
 

Thursday, June 30, 2011

माँ : तीन दृश्य

माँ : तीन दृश्य

दृश्य एक : 
                 राम और श्याम माँ के लाडले है,ढाई तीन वर्ष के  बच्चे है दिन भर माँ - माँ करते घर के आँगन में  किलकारी भरते है.माँ भी दोनों को बहुत दुलार करती है.दोनों को  बढ़िया बढ़िया खाने  के लिए  कुछ न कुछ देती रहती है.राम कहता है माँ मेरी है - श्याम कहता है माँ मेरी है.माँ हंस के कहती है मै दोनों की हूँ.

दृश्य दो :

              राम और श्याम दोनों का ब्याह हो चुका है,माँ की अंटी में कुछ गहने है कुछ लाख रुपये की जमा पूंजी भी है.दोनों बेटो की बहुए कहती है हम माँ की सेवा करना चाहती है,हम माँ को अपने पास  रख कर माँ की सेवा करेंगी.राम और श्याम को दोनों की पत्नियों ने समझाया- माँ से कहिये वे कितने दिनों की  मेहमान है ? गहने व रुपये दोनों बेटो में बराबर बराबर बाँट दे.माँ की सेवा तो हो रही है.आखिरकार माँ ने दोनों बेटो में अपनी जमा पूंजी बाँट दी.

दृश्य तीन :

           एक दिन बड़ी बहु ने कहा -माँ को रखना केवल हमारी जिम्मेदारी ही नहीं है,छोटे बेटे का भी कोई माँ के प्रति फ़र्ज़ है.बड़े भाई ने एक दिन छोटे से कहा भाई छः महीने माँ मेरे पास रहेगी छः महीने तेरे पास रहेगी.माँ सुनती रही बेटो ने उसका बटवारा कर दिया.

          एक दिन छोटी बहु अपनी माँ से फोन पर कह रही थी - माँ बुढ़िया मरती पता  नहीं कब तक डोकरी की सेवा करनी पड़ेगी.माँ का मन खट्टा हो गया.बैग लेकर बड़े के यहाँ चल दी.दरवाजे पर ही बड़ी बहु मिल गयी माँ को देखते ही तनक गयी: माँ जी अभी तो छोटे भैया के चार महीने आपको रखने के बाकि है आप अभी से कैसे आ गई? बड़ा बेटा भी वाही खड़ा था माँ ने प्रश्न वाचक निगाहों से बेटे की और देखा.माँ बेटे के भाव समझ गयी.

        सामने ही वृधाश्रम का बोर्ड था माँ उसी और चल पड़ी

Sunday, June 26, 2011

वर्षा ऋतू का स्वागत

वर्षा ऋतू का स्वागत,
   
                                  बरसात की आती हवा,
                                  ये खेलती है डाल से,
                                  ऊचे शिखर  के भाल से,
                                  आकाश से पाताल से,
                                  मदमस्त मदमाती हवा,
                                  बरसात की आती हवा!

                                  मित्रो आप सभी को राजेश भरद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार !
                                  वर्षा ऋतू ने दस्तक दे दी है.वर्षा ऋतू के आने पर सुखी टहनियों में भी कोंपले फूटने लगती है.कहने का मतलब ये है की संवेदनहीन व्यक्ति का मन भी कुछ गुनगनाने लगता है.तो आपके मेरे जैसे साहित्यिक प्रवृति के लोगो का तो कहना ही क्या!
                                 कही मन में येसुदास जी का गीत गूँज रहा होता है :
                                 तुम्हे गीतों में DHALOONGA  सावन को आने दो.

                                तो कभी मन करता है की घर से निकल कर आस पास के प्राक्रतिक स्थानों की सैर को निकल पड़े.और तेज वर्षा हो रही हो तो घर पर ही चाय काफी की चुस्कियो के साथ गरमा गरम भजिओ/पकोडियो का आनंद लिया जाये.
                      
                              कहने का मतलब ये है की वर्ष ऋतू सभी के लिए खुशियों का सन्देश लेकर आती है.खासकर किसान भाइयो के लिए.
                              शहर में लोग पिकनिक मानाने के लिए निकल पड़ते है.सभी वर्षा ऋतू का भरपूर आनंद लेना चाहते है हम इससे वंचित क्यों रहे -आप घूमिये पिकनिक मनाइए बारिश का आनंद लीजिये.सावन के गीत गुनगुनाइए:
                 
                              शेष अगले ब्लॉग में आपका मित्र राजेश भारद्वाज

Thursday, June 2, 2011

सत्याग्रह बाबा रामदेव

सत्याग्रह बाबा रामदेव
                                    सर्वप्रथम मित्रो को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार !
                                    मित्रो बाबा  रामदेव  4 जून से से सत्याग्रह करने जा रहे है.देश की आम जनता उनके साथ तन और मन से है.बाबा रामदेव  के हृदय में जो सच्चाई की चिंगारी है,उसे आम जन पहचान गया है.भारत की आम जनता जन गयी है की कोई उनका आज के समय में मसीहा है तो वो बाबा  रामदेव ही है.

                                    मीडिया भी रामदेव के आन्दोलन में उनका पूरा साथ दे रहा है.मीडिया की भूमिका भी प्रसंशनीय  है.इलेक्ट्रोनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया का स्टाफ बधाई का पात्र है.बाबा रामदेव की मांगे जायज है.परन्तु सत्ता के लोग उन्हें आसानी से मन लेंगे इसमें संदेह है. सत्ता को कुछ लोग अपनी जागीर मान कर चल रहे है.उन्हें अपना आसन डोलता दीख रहा है.

                                 बाबा रामदेव  अनशन   पर  बैठेंगे  और आम जनता का उन्हें भरपूर समर्थन मिलेगा इसमें संदेह नहीं है. बाबा रामदेव के साथ हमें भी अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए  !
                                   

Sunday, May 22, 2011

अँधेरे में जो बैठे है

अँधेरे में जो बैठे है:
                               मित्रों सर्वप्रथम आप सभी को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार!      
                               आज हमारे देश के शीर्ष उद्योगपति श्री रतन टाटा ने अम्बानी की बहुचर्चित महलनुमा बिल्डिंग की और इशारा करते हुए कहा है कि आमिर और संपन्न लोगो को अपने आस पास रह रहे अन्य लोगो के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कुछ अवश्य करना चाहिए.उनका यह विचार स्वागत योग्य है.
                              
                              प्रश्न यह है कि कैसे हम लोगो का जीवन बेहतर बना सकते है?  क्या केवल दान दे कर हम अपने कर्तव्य से मुक्त हो जाते है.दान केवल उन्ही लोगो को दिया जाना चाहिए जो किसी भी प्रकार का कार्य करने में अक्षम है.
                            
                             शेष लोगो को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार के अवसर उपलब्ध करा के हम लोगो के जीवन को बेहतर बना सकते है.

                             कभी   अंबानी अपनी पत्नी को करोड़ो का प्लेन उपहार में देते है कभी भव्य बहुमंजिला ईमारत बनवाकर अपने सम्पन्नता का बखान करते है.उनकी इसी बात पर शेर याद आ रहा है :
                                एक शहंशाह ने  बनवा  के  हंसी  ताजमहल!
                                हम गरीबो कि मोहब्बत का
                                उड़ाया है मजाक !!
                        
                            ब्लॉग का उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष पर टिपण्णी करना नहीं है.श्री रतन टाटा कि बात ध्यान देने योग्य एवम विचार सराहनीय है.ब्लॉग के माध्यम से मई भी सभी संपन्न और सक्षम लोगो से विनम्र विनती है कि सभी लोगो का जीवन बेहतर हो एसा प्रयास करे.क्योकि कोशिशे अक्सर कामयाब हो जाती है: फिर एक फ़िल्मी गाने कि लेने याद आ रही है :
      
                          अँधेरे में जो बैठे है,नजर उन पर भी एक डालो,
                          अरे ओ रोशनी वालो!!

Sunday, May 15, 2011

CHARITY BEGINS AT HOME

CHARITY BEGINS AT HOME
                                                  मित्रो आप सभी को राजेश भरद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार !
                                                  इन दिनों हमारे युवा मित्रो की ग्रीष्म कालीन छुट्टियाँ चल रही है और आप सभी लोग इन छुट्टियों का अनद जी भर के ले रहे होंगे.
                                                   आज के विषय पर  आते है,आज हमारी आदत व्यवस्था,सरकार और अन्य सरकारी विभाग के कर्मचारियों को कोसने की हो गई है.सरकार में कोन लोग है ,सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कोन लोग है ? क्या वे विदेश से आये हुए लोग है?नहीं वे हम आम जनता से आये हुए लोग ही है.
                                                  मै ये कहना चाहता हूँ कि हम आम लोगो से निकल कर ही लोग रेलवे,बैंक या अन्य सरकारी कार्यालयों में कार्य करते है.इन सरकारी विभागों में कार्य कर रहे लोग व्यक्तिगत आधार मन में यह दृढ निश्चय कर ले कि मै अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी और लगन के साथ करूंगा और आम आदमी और गरीब आदमी का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करूंगा.तब लोग कि आधी समस्याए स्वतः  हल हो जाएगी.आम जन के कार्य सुचारू रूप से होने लगेंगे.
                                                 कबीर दास जी का कथन है कि :
                               
                                                 बुरा जो देखन मै चला,बुरा न मिल्या कोई !
                                                 जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा ना कोई !!

                                                शायद मेरे मित्र मेरी बात समझ गए होंगे,यदि इसक कुछ प्रतिशत भी पालन करेंगे तो काफी लोगो कि जिंदगी सहज हो जाएगी.

                                                 आपका मित्र राजेश भारद्वाज
                                                                                 

                                          

                                            
                                                
                                          

Sunday, May 8, 2011

MOTHERS DAY

MOTHERS DAY,

                           मित्रो आज मदर्स   डे है.इस दिन को कैसे मनाया जाता है ये आप  अच्छी तरह से जानते है.पर आप बताओ क्या माँ को एक दिन ही सम्मान दिया जाना चाहियें,इसी प्रकार फादर्स डे भी मनाया जाता है. क्या हमारे परेंट्स जो हमारे लिए अमूल्य है-क्या हम उन्हें एक विशेष दिन को कार्ड या गिफ्ट देकर अपने कर्तव्य की पूर्ति कर सकते है?

                          माँ के चरणों में संसार है-ये बात एक प्राचीन  कथा से पहले ही हमें समझाई जा चुकी है- गणेश जी और उनके भाई कार्तिकेय में प्रतियोगिता  रखी गई -जो संसार का पहले चक्कर लगाकर आयेगा वही श्रेष्ठ माना जायेगा.
                     
                           कार्तिकेय संसार का चक्कर लगाने अपने वहां पर निकल पड़े.गणेश जी अपनी माँ पार्वती जी की परिक्रमा लगा कर वापस आ गए.जब उनसे कहा गया की उन्होंने एसा क्यों किया तो उन्होंने कहा की माँ चरणों में ही संसार है.तब गणेश जी को विजेता घोषित किया गया.हिन्दू धरम में कोई भी शुभ कार्य करते है तो इसी कारण  उनकी पूजा सर्वप्रथम की जाती है.

                          मदर्स डे या फादर्स डे तो पश्चिमी सभ्यता की उपज है.कार्ड्स या गिफ्ट  आइटम की बिक्री बढाने का एक प्रयास है.भारत में तो माता पिता को सदा ही,हर दिन सम्मान दिया जाता है उनकी ईश्वर  के समान इज्जत की जाती है.और माँ ------

                           माँ तो है माँ,माँ तो है माँ -माँ जैसी दुनिया में है कोई कहाँ

Thursday, April 28, 2011

ULTA PULTA उल्टा पुल्टा

उल्टा पुल्टा,
                  ये ब्लॉग उन लोगो को समर्पित है जो शराब,गुटखा,तम्बाकू या अन्य नशीली चीजो का सेवन करते है.
                  जो लोग इन वस्तुओ नशीली चीजो का सेवन करते है वे सभी धन्यवाद के पात्र है?इन  लोगो से मेरा निवेदन है की अधिक से अधिक मात्र में  नशीली वस्तुओ का सेवन करे. आप इन नशीले पदार्थो का सेवन नहीं करेंगे तो इनका निर्माण करने वाली फेक्टरियो के लाखो मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे.आप सिगरेट, शराब का सेवन कर के कितने लोगो के घर चला रहे है.क्या ये पुण्य का काम  नहीं है ??
                शराब सिगरेट का निर्माण करने वाली कम्पनिया सरकार को  लाखो रुपये के टैक्स का भुगतान भी कराती है.आप इनका अधिक से अधिक सेवन कर के एक तरह से देश सेवा ही कर रहे है.आप को देश सलाम करता है?

              इसके बाद यदि आप को कैंसर या अन्य कोई घातक बीमारी के शिकार होते है.तो डॉक्टर्स और दवा कंपनियों को भी आप अधिक व्यवसाय और आय के साधन प्रदान करते है.इन लोगो के परिवार भी आप के व्यसन के कारन पल रहे है.इन लोगो की भी दुआए  आप के साथ  है.

            सिगरेट,शराब, गुटखा,तम्बाकू का सेवन करने वाले मेरे मित्र मेरे विचारो से अवश्य सहमत होंगे??????

           
              
               

Thursday, April 14, 2011

अन्ना हजारे और नेता ANNA HAJARE AUR NETA

अन्ना हजारे और नेता,
                                    मित्रो अन्ना हजारे को अपने आन्दोलन में प्रारंभिक सफलता मिली है.इसके लिए देश की जनता उनकी आभारी है.अन्ना हजारे आम आदमी की आवाज बनकर सामने आये है.
देश के हीरो बने है.
                            हमारी देश की राजनीती की दुकान चंलने वाले नेताओ चाहे वे किसी भी पार्टी के हो उनकी बढती लोकप्रियता  से विचलित हो रहे है क्योकि उनके दामन में दाग है.आज के समय में छुटभैया नेता भी लाखो नहीं करोडो की बात करता है.नेता रातो रात कैसे करोडपति बन जाते है ये बात किसी से छुपी हुई नहीं है.आने वाले चुनावो में भ्रष्ट्राचार सबसे बड़ा मुद्दा बन कर सामने आएगा.
                          अन्ना हजारे हो या बाबा राम देव जो भी भ्रष्ट्राचार के विरुद्ध आवाज उठता है -सभी राजनितिक पार्टियों के नेता उनकी आवाज दबाने के प्रयास करने लगते है.आज आम आदमी ही नहीं समाज के हर वर्ग का व्यक्ति नेताओ के भ्रष्ट आचरण से दुखी है.ये लोग हमारे मसीहा बन कर आये है हमें इन जैसे महान और निष्कलंक लोगो का हर प्रकार से समर्थन करना  है.तभी हमारे देश और आने वाली पीढियों का भविष्य उज्जवल होगा.नहीं तो हमारे ऊपर इस शेर का भाव लागू होगा :
                      
                           लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई !

एक अकेला/अकेली इस शहर में

एक  अकेला/अकेली इस शहर में,
                                                   मित्रो आज कल नॉएडा की दो बहनों की चर्चा इन दिनों मीडिया में चर्च का विषय बनी हुई है.जिन्होंने लगभग दो वर्षो से अपने आप को अपने ही फ्लैट में कैद कर लिया था.पड़ोसियों को इस बात की भनक तक नहीं लगी.

                                                  यह हमारे तथाकथित सभ्य समाज के सामने बड़ी चुनोती है की महानगरो के concrete के जंगल में मानवता को भूलते जा रहे है.जैसे -जैसे   लोगो की संख्या बढती जा रही है वैसे- वैसे संवेदनशीलता कम होती जा रही है.फिर इस तरह की घटना  की शिकार महिलाए ही हुई है यह भी चिंता का विषय है.आधुनिक समाज में अकेलेपन के कारण अवसाद या depression की घटाने बढाती जा रही है लोग सेल्फ centered  होते जा रहे है.आस पास कालोनी में,सोसाइटी में क्या हो raha   है किसी को कोई लेना देना नहीं है.

                                                जिंदगी की रहो में रंज ओ गम के मेले है,
                                                भीड़ है क़यामत की
                                                फिर भी हम अकेले है!

                                                जो भी मेरे मित्र या पाठक ब्लॉग पढ़ रहे है उनसे मै हमेशा ही request  करता हूँ -कभी भी जीवन में कितनी ही समस्याए आये हमें कभी होसला नहीं खोना है हिम्मत से प्रोब्लेम्स का सामना करना है.

                                             जो हमारे समाज के प्रमुख लोग है उनकी ये जिम्मेदारी बनती है की सोसाइटी में ऐसी घटनाओ की पुनरावृति न हो , सभी लोग एक दूसरे से जुड़े एक दूसरे का दुःख दर्द समझे ये ही सभ्य समाज की निशानी है :

                                            इन्सान का इन्सान से हो भाईचारा !
                                            यही पैगाम हमारा !!

                                           आप सभी के स्नेह के लिए धन्यवाद
                                           आपका मित्र राजेश भरद्वाज
                                           9001896628
                                          
                                          
                                                        

Tuesday, April 12, 2011

बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर DR B R AMBEDKAR

बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर,

                                                मित्रो सर्वप्रथम बाबा साहेब को मेरा श्रद्धा पूर्वक नमन!
                                                 
                                               १४ अप्रैल को बाबा साहेब की जयंती है जो सारे  भारत  में बड़ी धूम - धाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है.मित्रो महान पुरुष के हम किस तरह से सच्चे अनुयायी बन सकते है.किस प्रकार उनके सच्चे सिपाही बन सकते है.केवल उनकी प्रतिमा को माला पहना कर ही या उन्हें भगवान् का दर्जा देकर अपने कर्तव्य से विमुख नहीं  हो सकते है.हमें उनकी शिक्षाओ का  पालन करना होगा.जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उन्होंने जीवन भर संघर्ष    किया. क्या   वह लक्ष्य हम प्राप्त कर पाए है !

                                            मित्रो आज भी राजस्थान, गुजरात,मध्यप्रदेश,ओड़िसा के आदिवासी लोग निम्न स्तर का जीवन जी रहे है.अन्य राज्यों में भी अनुसूचित जाति,जन जाति के लोग आरक्षण या अन्य सरकारी योजनाओ का लाभ नहीं ले पा रहे है.कितने ही बालक बालिकाए शिक्षा के प्रकाश से वंचित है हमें उनके बारे में भी सोचना चाहिए.सभी लोग शिक्षित और समृद्ध हो ऐसा प्रयास  करना चाहिए तभी हम बाबा साहेब के सच्चे सिपाही कहलायेंगे!
                                         
                                         एक बार पुनः जन नायक को मेरा शत शत नमन!

Wednesday, April 6, 2011

अन्ना हजारे ANNA HAJARE

अन्ना हजारे
                    
                   मित्रो अन्ना हजारे हमारे बीच भ्रष्टाचार के अँधेरे में रोशनी की किरण बन कर आये है.उनकी जन लोकपाल बिल की मांग का  समर्थन भारत में ही नहीं वरन समस्त विश्व में हो  रहा है.भ्रष्ट्राचार  हमारे देश को खोखला करता जा रहा है.हमारे देश का पैसा जो हम टैक्स के द्वारा सरकार के खजाने में जमा करते है वह नेताओ द्वारा लूटा जा रहा है.यदि यही  पैसा विकास कार्यो में ईमानदारी से खर्च किया जाये तो देश का काया कल्प हो सकता है.मित्रो हमारे देश की कैसी दशा है ये आप लोगो से छुपी हुई नहीं है.

                अन्ना हजारे का आमरण अनशन भ्रष्ट नेताओ के लिए खतरे की घंटी के समान है वही आम जन के हित में है.आइये हम सभी कामना  करते है की आना हजारे का अनशन सफल हो !
उनके उद्देश्य की पूर्ति हो जिससे आम जन को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिले.गाँधी जी का भजन याद आ
रहा है :
            इश्वर अल्लाह तेरे नाम ,भ्रष्ट नेताओ को सद बुद्धि दे भगवान !

Saturday, April 2, 2011

HAPPY NEW YEAR विक्रम संवत

मित्रो!

        आप सभी हैप्पी न्यू इयर का शीर्षक पढ़कर आश्चर्य  में पड़ गए होंगे.
        परन्तु आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाये देना उचित है क्योकि कल यानि ४ अप्रैल को विक्रम संवत प्रारम्भ हो रहा है. चैत्र माह का प्रथम दिन है -भारत में यह दिन एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है.
         
       देश के कोने कोने में ये दिन किसी न किसी रूप में मनाया जाता है -उत्तर भारत में नव वर्ष  के
रूप में मनाया जाता है आसाम में बिहू .
   
      सिन्धी समाज के लोग चेटीचंड के रूप में नव वर्ष का स्वागत करते है.महर्षि गोतम की जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है.

    भारत के लोगो को वर्ल्ड कप के रूप में नव वर्ष का उपहार मिल गया है.

Sunday, March 27, 2011

करनी ऐसी कर चलो

 करनी ऐसी कर चलो 
                              मित्रो हम क्या है!हम टी वी के सीरियल के पात्र है या सिनेमा में रोले करने वाले एक कलाकार मात्र है.जैसे फिल्म या टी वी सीरियल का director  किसी कलाकार का रोल समाप्त कर देता है.उतनी देर का ही इस भोतिक   संसार में हमारा ठहराव है.उपरवाला चाहे आप उसे किसी भी नाम से बुला लो उसी के हाथ में हमारी डोर है.वो जब चाहे इस संसारमें हमारा रोल समाप्त कर सकता है.हमें स्वयं के कुछ HONE पर गर्व नहीं करना चाहिए.

                             मित्रो हमारे रोल की समय सीमा तो उपरवाले के हाथ में है परन्तु हमें कैसा किरदार निभाना है ये हमारे हाथ में है चाहे राम का या रावन का.मित्रो मै ये नहीं कहता की हमें राम के जैसी उचैयो को छूना है.परन्तु हम छोटे छोटे कार्य अवश्य ही कर सकते है जिससे हमारी आने वाली पीढियों का जीवन सुखमय हो सकता है.जैसे हम अधिक से अधिक से पेड़ लगा कर पर्यावरण को सुन्दर बना सकते है.गरीब बच्चो की पढाई में सहायता कर उनका भविष्य उज्जवल बना सकते है -जिससे भविष्य में वे कोई गलत मार्ग न चुन ले.या अपने व्यव्हार के माध्यम से समाज के लिए एक उदहारण बन सकते है.
                           
                           कबीर दस जी का दोहा या आ रहा है:
     
                           कबीर जब पैदा हुए जग हंसा हम रोए!
                           करनी ऐसी कर चलो
                           हम हँसे जग रोए.
                   
                          मित्रो आप मेरे ब्लॉग प्रेम से पढ़ रहे है ये बढ़ाते हुए VISITS की संख्या बता रही है आप सभी को धन्यवाद और स्नेह भरा नमस्कार !
       
                          आपका मित्र राजेश भारद्वाज  919001896628

Saturday, March 26, 2011

WORLD CUP

WORLD CUP
                     
                      दोस्तों हमारा देश भारत इस बार वर्ल्ड कप के एक प्रबल दावेदार के रूप में उभर कर सामने आया था  हमारे देश के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का  यह आखरी वर्ल्ड कप मैच था .सभी खिलाडी उन्हें वर्ल्ड कप एक तोहफे के रूप में देना चाहते थे.
                 
                      हमारे प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी ने पाकिस्तान के नेताओ को मोहाली का मैच देखने के लिए निमंत्रण भेजा था..मोहाली के मैच पर सरे संसार की निगाहे थी.सभी देशवासी और क्रिकेट के दर्शक एक बेहतरीन मैच के इन्तेजार में थे.हमारी दुआए रंग लाई और भारत ने पाकिस्तान से मैच जीत  लिया.अब हमारा मुकाबला श्री लंका से था .भारतीय टीम ने  जीत के जज्बे के साथ खेला.युवराज,धोनी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया.सभी खिलाडियों ने  पूरे दम ख़म के साथ मैच खेला.  तभी वर्ल्ड कप हमारा हुआ.इस बार श्रीलंका के राष्ट्रपति और हमारे देश की राष्ट्रपति ने भी मैच का आनंद लिया.इससे खिलाडियों का उत्साह व मन बढ़ा.

                      आइये हम सभी भारतीय टीम को महान जित पर शुभकामनाये और बधाइयाँ देते है.भारत ही नहीं विश्व में जहा भी भारतीय लोग रहते है -जीत का जश्न जोरदार तरीके से मनाया गया.भारत का गोरव बढ़ाने के लिए एक बार फिर भारतीय टीम को बधाई!
                     
                      दुनिया को भारत ने अपना  दम दिखाया  है !   
                      धोनी  वर्ल्ड   कप       जीत    के   लाया    है !!
                      सभी ब्लॉग पढ़ने वाले मित्रो को मेरा स्नेह भरा नमस्कार********
                   
                      आपका मित्र राजेश भारद्वाज 9001896628

Wednesday, March 23, 2011

HOW TO ENJOY HOLI FESTIVAL ऐसे खेले होली

 ऐसे खेले होली
                      
                        होली रंगों का त्यौहार है खुशियों का त्यौहार है.परन्तु कुछ लोगो ने केमिकल रंगों के इस्तेमाल से या अन्य पदार्थो के इस्तेमाल से इस त्यौहार का रूप बिगड़ दिया है.अधिकतर लोग इसी कारन होली खेलना पसंद नहीं करते है
                         
                         इस बारे में आप सभी को कुछ सुझाव देना चाहता हूँ.यदि हम केमिकल रंगों की जगह NATURAL  रंगों का इस्तेमाल  करे तो बेहतर होगा.जैसे हल्दी,टेलकम पाउडर,पीठी जैसे पदार्थ आप जिसे लगायेंगे उसका रूप निखर आएगा.वह आपसे खुश हो जायेगा.जो होली खेलने से बचते है वो लोग भी आपसे कहेंगे PLEASE हमारे ऊपर इस तरह का रंग लगाइए.
                         
                        इससे होली आपके मित्र  आपके साथ अधिक से अधिक खेलना पसंद करेंगे.होली पुनः एक लोकप्रिय त्यौहार का स्थान ले लेगा.
                   
                        आप सभी को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार !

Sunday, March 13, 2011

होली रे होली

होली रे होली  
                  मित्रो हमारा देश त्योहारों का देश है.होली शब्द कान में पड़ते ही अमिताभ  बच्चन जी का गीत गाने को मन करता है:
                                             रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे, कीने मारी पिचकारी..............
                                             होली के होलिका दहन की चर्चा हम नहीं करेंगे क्योकि दुसरे दिन धुलंडी हमारा प्रिय दिन होता है क्योकि हमें तो जीवन मस्ती के साथ जीना   है,  चिंता मुक्त जीना है .होली मनाये  प्राकृतिक रंगों से खुशबूदार रंगों से.जिसे भी हम रंग  लगाये उसके तन के साथ मन भी हमारे प्रेम के रंग से रंग जाये.
                                            प्रिय मित्रो होली के अवसर पर केमिकल रंगों का हानिकारक रंगों का इस्तेमाल हरगिज न करे.एसा करने से अगली होली पर आपका मित्र आप के साथ होली नहीं khelega
                                            ख़ूब मिठाइयाँ  खाइए खिलाइए.होली का त्यौहार आनंद के साथ मनाइये,आप के द्वार पे आपके दोस्तों की टोली आपका इन्तेजार कर रही है
                                            होली  रे    होली   रंगों  की      डोली
                                            आई तेरे घर पर मस्तो के टोली.
                                           
                                            एक बार फिर से आपको होली की बहुत बहुत शुभकामनाये!
                                            
                                            आपका मित्र राजेश भारद्वाज 919001896628

NIPPON जापान सुनामी

NIPPON जापान  सुनामी
                                      प्रिय मित्रो जापान एक नाम  से और जाना जाता है NIPPON यानि उगते सूरज का देश.जो इन दिनों सुनामी की आपदा से भयानक रूप से प्रभावित हुआ है.जापान में प्राय भूकंप अदि प्राकृतिक आपदाए आती रहती है जापान की इमारतों को इसी तरह से बनाया जाता है की उन पर भूकंप अदि का कम से कम प्रभाव हो.
                                     सुनामी से जापान बहुत अधिक प्रभावित हुआ है.जापान को बहुत आर्थिक नुकसान साथ ही साथ जन हानि भी बहुत हुई है.जापान आर्थिक रूप से संपन्न राष्ट्र है.जापानआर्थिक हानि को आसानी से वहां कर सकता है,परन्तु जन हानि की पूर्ती किसी प्रकार नहीं हो सकती है.जिन लोगो ने अपने सगे संबंधियों को खोया है उन के दुःख का अंदाजा हम सहज रूप से लगा सकते है.
                                    हम सब देशवासी जापान के  लोगो  के   दुःख के  समय में उन के साथ है.भगवान से प्रार्थना करते है कि जापान के लोगो को दुःख सहन करने कि शक्ति दे.साथ ही जापान के लोगो का जीवन सामान्य रूप में आये.
                                    आपका मित्र राजेश भारद्वाज

Saturday, February 5, 2011

पोस्टमार्टम

पोस्टमार्टम:
               डा.साहब एक लड़के की लावारिस लाश पुलिस वाले पोस्टमार्टम के लिए लाये है!
               अरे यार ये पुलिस वाले फ़ोकट के काम ले आते है,डा.साहेब बोले- इसका कोई सगा सम्बन्धी  होता तो उससे कुछ नोट झटक लेता.एसा कर तू चाय माँगा थोड़ी देर बाद देखेंगे.सरकारी अस्पताल में फ़ोकट में कम तो करना पड़ेगा.
              डा.शाह की  सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम करने की ड्यूटी है,चाहे कितने ही गरीब लोग हो डा.साहेब किसी भी लाश का फ्री में पोस्टमार्टम नहीं करते है.वो सोचते हे आखिर उनके भी बाल   बच्चे है,और डाक्टर  भी तो पैसा लेकर ही तो सब का इलाज करते है,अगर  वो पोस्टमार्टम के लिए रिश्वत लेते है तो इसमें क्या बुरा है?
              तभी डा.के सहायक की आवाज आई-सर इसका पोस्टमार्टम कर दो अब घर भी जाना है.अरे यार क्या करू फ्री में काम करने का मूड ही नहीं करता,डा.साहेब बोले.चलो अब कम तो करना ही पड़ेगा.डा.साहेब पोस्टमार्टम के ओजार ले कर तैयार हुए.तभी उनके मोबाइल की घंटी बजी-उनकी श्रीमती का फोन था उनका बेटा मोटरसाइकल से आज घर आ रहा था.टाइम से घर पंहुचा नहीं इसीलिए उनकी श्रीमती डा.साहेब को फोन कर रही थी.
              डा.साहेब ने फोन सुनते सुनते हुए  लाश के ऊपर से कफ़न हटाया,देखा तो काटो तो खून नहीं,ये उनके लाडले की लाश थी,जिसके पोस्टमार्टम के लिए वो बहुत देर से आना कानी कर रहे थे.डा.साहेब को जोर दर दिल कर दोरा पड़ा वो वही पर  ढेर हो गए.
              अब डा.साहेब का पोस्टमार्टम कोन करेगा?पास में खड़ा उनका सहायक सोच रहा था.

Saturday, January 29, 2011

खुशियों की चाबी- II KEY OF HAPPINESS- II

                      नींद तो दर्द के बिस्तर पर भी आ सकती है,
                      उनके आगोश में सर हो,ये जरुरी तो    नहीं !
मित्रो आप सभी को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार! मित्रो सुकून,ख़ुशी कहाँ पर मिलेगी,कैसे मिलेगी!हमारा सारा जीवन इन सवालो के जवाब जानने में बीत जाता है.क्या सुकून/बहूत सारे पैसे कमाने में है.क्या सुकून अच्छे फ्लैट में है!आखिर ख़ुशी क्या भोतिक साधनाओ या वस्तुओ में है.क्या  जो लोग काम  साधन संपन्न है,वो प्रसन्न नहीं है?क्या  उनके जीवन में ख़ुशी नहीं है?आपने देखा होगा जो लोग सुदूर गाँव में बसते है या देश के सीमावर्ती इलाको में रहते है उनके चेहरे पर भी मुस्कान होती है.प्रायः श्रमिक जेठ की तपती दोपहर में पेड़ की थोड़ी सी छाव के नीचे निश्चिन्त होकर सोते है.साधन संपन्न लोगो का A C  की ठंडी   हवा में  भी मन व्याकुल रहता है.
                 मित्रो मै ये कहना  चाह रहा हूँ कि ख़ुशी/सुकून/प्रसन्नता हमारे दिल में है,हमारे जीवन जीने के तरीके में है.यदि हम जीवन को सकारात्मक जीने का प्रयास करेंगे तो हम हमेशा प्रसन्न रहेंगे.कोई लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो निराश नहीं होंगे.पुन नयी उर्जा के साथ उसे पाने का प्रयास करेंगे.खुशियों की चाबी हमारे पास है हम उसे भोतिक साधनों में ढूँढने  का प्रयास करते है.

Tuesday, January 25, 2011

जन गण मन JAN GAN MAN

जन गण मन
             पापा शेगी मेरा प्यारा डौगी है,इसको ठंडी लग रही है इसके लिए कुछ लाओ.हा बेटा जरुर! पापा इसके लिए ड्राई फ्रूट भी लाओ.हा बेटा जरुर.अभी मार्केट से ले आता हूँ.पापा कर लेकर मार्केट के लिए निकल पड़े.
पड़ोस की झुग्गी से एक औरत की आवाज आई -अजी सुनते हो अपने बचवा मोती के लिए स्वेटर लाइए!हा  सकरात पर सेठानी जी दान में शायद स्वेटर ही बाटेगी.तब तक क्या मोती बेटा ठंडी में रहेगा ! तभी बंगले में से नोकर ने जुट की पुरानी बोरी फेकी.मोती का बाप मोती के लिए उसे लेकर आया बोला ले बचवा के लिए व्यवस्था हो  गई.तभी बंगले से नोकर की आवाज आई मोती की माई बर्तन ले आओ बासी दाल और ठंडी रोटी ले जाओ.मोती की माँ ख़ुशी ख़ुशी दाल रोटी ले आई और मोती को खिलाने लगी.
         साहब बाज़ार से शेगी के लिए गरम स्वेटर और ड्राई फ्रूट ले आये.शेगी को स्वेटर पहनाया गया,छोटे साहब ने शेगी को ड्राई फ्रूट खिलाये.दूर परेड मैदान  में गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था.लाउड स्पीकर पर -जान गन मन का गान हो रहा था.मोती खड़ा हो कर दूर से दिख रहे तिरंगे को सलाम कर रहा था.

दिल तो बच्चा है DIL HAI BACHCHA

दिल तो बच्चा है
                       सभी मित्रों को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार!
                       कभी आप छोटे बच्चे को ध्यान से देखिये वह क्या करता है,आप देखोगे वो कुछ गाता  हुआ,गुनगुनाता हुआ,अपने खेल में मगन रहता है.संसार की चिन्ताओ से बेखबर अपने आप में मस्त रहता है क्यों न हम उससे प्रेरणा ले.अपने मन को,अपने दिल को उस बच्चे के जैसा बना ले.जीवन के सफ़र को बच्चे की तरह हँसते हुए गुनगुनाते हुए बिताने का प्रयास करे.हम क्या है कुछ देर के लिए भूल जाये.जीवन की भागम भाग में कुछ अवकाश के मिले तो उसे उसे उस बच्चे की तरह जीने का प्रयास करे.इससे हम आने वाला समय अधिक उर्जा के साथ और अधिक प्रसन्नता के साथ जी पाएंगे.सन्डे या कोई और छुट्टी के दिन कोई अच्छी पुस्तक या मगज़ीन पढ़ कर या कोई प्राकृतिक स्थान की सेर कर व्यतीत करे.आपको संगीत का शोक है तो संगीत का आनंद ले.जीवन को बहते हुए झरने की तरह जीने का प्रयास करे.हर दिन आपको नया दिन लगेगा.किसी को कुछ देने का प्रयास करे लेने का नहीं.इस प्रकार आप तनाव मुक्त जीवन जी सकते है -
                                                  जिसका दिल है बच्चा,वही आदमी है सच्चा!

Tuesday, January 4, 2011

फायदे का काम

फायदे का काम
              पिताजी मर गए,सभी के पिताजी एक न एक दिन स्वर्गवासी होते है.इसमें नई बात क्या है.पर इस बार प्रशाशनिक सेवा के अधिकारी मेहता  जी के पिताजी का इंतकाल हुआ है उनके सेक्रेटरी राम खिलावन को चिंता खाए जा रही है.सारा काम उसे ही निपटाना है.
                    सर रामखिलावन बोला :शमशान घाट दूर है क्या मुक्तिधाम का वाहन करना है! वो लोग  १५००  -२००० रूपये तक चार्ज करते है.साहब ने उसे ध्यान से देखा-राम खिलावन समझ गया,ठीक है सर P W D का ट्रक कर देता हूँ इंजीनियर  साहब को फोन कर देता हूँ.
                    फूल मालाए नगर परिषद्  के गार्डेन का माली भिजवा देगा.सर आपके पिता जी की अधिक आयु में मृत्यु हुई है बेन्ड बाजा मंगवाना चाहिये.साहब ने उसे फिर घूर के देखा अच्छे चमचे की तरह रामखिलावन फिर समझ  गया की मुख मुद्रा बने बोला -सर पुलिस का बैंड मंगवा लेते  है S P कही न कही एडजेस्ट   कर लेंगे.सर चन्दन की लकड़ी के लिए  तो फोरेस्टर साब को आप को ही फोन करना पड़ेगा,साब ने स्वीक्रति  की मुद्रा में सर हिला दिया.
                     सब काम  संपन्न होने के बाद शाम को रामखिलावन बोला-सर सब काम फायदे से हो गया.साब से प्रसन्नता से राम खिलावन की तरफ हाथ बढाया उसने भी गरम जोशी से साब से हाथ मिलाया.रामखिलावन को लगा उसका जीवन सफल हो गया!