भारतीय अभिभावकों को सलाम !
मित्रो आप सभी को मेरा स्नेह भरा नमस्कार! ये ब्लॉग भारतीय
अभिभावकों को समर्पित है.
वर्तमान समय में भारतीय पेरेंट्स बच्चे के जन्म के समय से ही उसके लिए चिंतित होना प्रारंभ कर देते है.नर्सरी कक्षा से ही बच्चे की पढाई की चिंता करने लग जाते है.अभिभावक सोचते है की उनका बच्चा जल्दी से जल्दी ज्ञानी बन जाये.
उसके लिए हर प्रकार के महंगे से महंगे ब्रांडेड कपडे,खिलोने आदि लाते है.मध्यम वर्गीय परिवारों में बच्चे का पालन पोषण उच्च स्तरीय ढंग से किया जाता है.बच्चो की हर फरमाइश को पूरा किया जाता है.छोटे बच्चो को विडिओ गेम,मोबाइल आदि लाकर दिए जाते है.
बच्चो के बड़े होने पर मोटर साइकिल,स्कूटी आदि पेरेंट्स उन्हें बिना मांगे लाकर देते है.उच्च शिक्षा पर लाखो रुपये व्यय लोन लेकर भी करने को तैयार रहते है.इसी उम्मीद के साथ : फ़िल्मी गाना याद आ रहा है :
तुझे सूरज कहू या चंदा
तुझे दीप कहू या तारा !
मेरा नाम करेगा रोशन
जग में मेरा राज दुलारा !!
बच्चे कितना नाम रोशन करते है ये देखने वाली बात है!
शेष चर्चा अगले ब्लॉग में,
आपका मित्र
राजेश भारद्वाज
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