CHARITY BEGINS AT HOME
मित्रो आप सभी को राजेश भरद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार !
इन दिनों हमारे युवा मित्रो की ग्रीष्म कालीन छुट्टियाँ चल रही है और आप सभी लोग इन छुट्टियों का अनद जी भर के ले रहे होंगे.
आज के विषय पर आते है,आज हमारी आदत व्यवस्था,सरकार और अन्य सरकारी विभाग के कर्मचारियों को कोसने की हो गई है.सरकार में कोन लोग है ,सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले कोन लोग है ? क्या वे विदेश से आये हुए लोग है?नहीं वे हम आम जनता से आये हुए लोग ही है.
मै ये कहना चाहता हूँ कि हम आम लोगो से निकल कर ही लोग रेलवे,बैंक या अन्य सरकारी कार्यालयों में कार्य करते है.इन सरकारी विभागों में कार्य कर रहे लोग व्यक्तिगत आधार मन में यह दृढ निश्चय कर ले कि मै अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी और लगन के साथ करूंगा और आम आदमी और गरीब आदमी का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करूंगा.तब लोग कि आधी समस्याए स्वतः हल हो जाएगी.आम जन के कार्य सुचारू रूप से होने लगेंगे.
कबीर दास जी का कथन है कि :
बुरा जो देखन मै चला,बुरा न मिल्या कोई !
जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा ना कोई !!
शायद मेरे मित्र मेरी बात समझ गए होंगे,यदि इसक कुछ प्रतिशत भी पालन करेंगे तो काफी लोगो कि जिंदगी सहज हो जाएगी.
आपका मित्र राजेश भारद्वाज
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