Tuesday, January 4, 2011

फायदे का काम

फायदे का काम
              पिताजी मर गए,सभी के पिताजी एक न एक दिन स्वर्गवासी होते है.इसमें नई बात क्या है.पर इस बार प्रशाशनिक सेवा के अधिकारी मेहता  जी के पिताजी का इंतकाल हुआ है उनके सेक्रेटरी राम खिलावन को चिंता खाए जा रही है.सारा काम उसे ही निपटाना है.
                    सर रामखिलावन बोला :शमशान घाट दूर है क्या मुक्तिधाम का वाहन करना है! वो लोग  १५००  -२००० रूपये तक चार्ज करते है.साहब ने उसे ध्यान से देखा-राम खिलावन समझ गया,ठीक है सर P W D का ट्रक कर देता हूँ इंजीनियर  साहब को फोन कर देता हूँ.
                    फूल मालाए नगर परिषद्  के गार्डेन का माली भिजवा देगा.सर आपके पिता जी की अधिक आयु में मृत्यु हुई है बेन्ड बाजा मंगवाना चाहिये.साहब ने उसे फिर घूर के देखा अच्छे चमचे की तरह रामखिलावन फिर समझ  गया की मुख मुद्रा बने बोला -सर पुलिस का बैंड मंगवा लेते  है S P कही न कही एडजेस्ट   कर लेंगे.सर चन्दन की लकड़ी के लिए  तो फोरेस्टर साब को आप को ही फोन करना पड़ेगा,साब ने स्वीक्रति  की मुद्रा में सर हिला दिया.
                     सब काम  संपन्न होने के बाद शाम को रामखिलावन बोला-सर सब काम फायदे से हो गया.साब से प्रसन्नता से राम खिलावन की तरफ हाथ बढाया उसने भी गरम जोशी से साब से हाथ मिलाया.रामखिलावन को लगा उसका जीवन सफल हो गया!

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