Tuesday, January 25, 2011

दिल तो बच्चा है DIL HAI BACHCHA

दिल तो बच्चा है
                       सभी मित्रों को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार!
                       कभी आप छोटे बच्चे को ध्यान से देखिये वह क्या करता है,आप देखोगे वो कुछ गाता  हुआ,गुनगुनाता हुआ,अपने खेल में मगन रहता है.संसार की चिन्ताओ से बेखबर अपने आप में मस्त रहता है क्यों न हम उससे प्रेरणा ले.अपने मन को,अपने दिल को उस बच्चे के जैसा बना ले.जीवन के सफ़र को बच्चे की तरह हँसते हुए गुनगुनाते हुए बिताने का प्रयास करे.हम क्या है कुछ देर के लिए भूल जाये.जीवन की भागम भाग में कुछ अवकाश के मिले तो उसे उसे उस बच्चे की तरह जीने का प्रयास करे.इससे हम आने वाला समय अधिक उर्जा के साथ और अधिक प्रसन्नता के साथ जी पाएंगे.सन्डे या कोई और छुट्टी के दिन कोई अच्छी पुस्तक या मगज़ीन पढ़ कर या कोई प्राकृतिक स्थान की सेर कर व्यतीत करे.आपको संगीत का शोक है तो संगीत का आनंद ले.जीवन को बहते हुए झरने की तरह जीने का प्रयास करे.हर दिन आपको नया दिन लगेगा.किसी को कुछ देने का प्रयास करे लेने का नहीं.इस प्रकार आप तनाव मुक्त जीवन जी सकते है -
                                                  जिसका दिल है बच्चा,वही आदमी है सच्चा!

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