जन गण मन
पापा शेगी मेरा प्यारा डौगी है,इसको ठंडी लग रही है इसके लिए कुछ लाओ.हा बेटा जरुर! पापा इसके लिए ड्राई फ्रूट भी लाओ.हा बेटा जरुर.अभी मार्केट से ले आता हूँ.पापा कर लेकर मार्केट के लिए निकल पड़े.
पड़ोस की झुग्गी से एक औरत की आवाज आई -अजी सुनते हो अपने बचवा मोती के लिए स्वेटर लाइए!हा सकरात पर सेठानी जी दान में शायद स्वेटर ही बाटेगी.तब तक क्या मोती बेटा ठंडी में रहेगा ! तभी बंगले में से नोकर ने जुट की पुरानी बोरी फेकी.मोती का बाप मोती के लिए उसे लेकर आया बोला ले बचवा के लिए व्यवस्था हो गई.तभी बंगले से नोकर की आवाज आई मोती की माई बर्तन ले आओ बासी दाल और ठंडी रोटी ले जाओ.मोती की माँ ख़ुशी ख़ुशी दाल रोटी ले आई और मोती को खिलाने लगी.
साहब बाज़ार से शेगी के लिए गरम स्वेटर और ड्राई फ्रूट ले आये.शेगी को स्वेटर पहनाया गया,छोटे साहब ने शेगी को ड्राई फ्रूट खिलाये.दूर परेड मैदान में गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था.लाउड स्पीकर पर -जान गन मन का गान हो रहा था.मोती खड़ा हो कर दूर से दिख रहे तिरंगे को सलाम कर रहा था.
पापा शेगी मेरा प्यारा डौगी है,इसको ठंडी लग रही है इसके लिए कुछ लाओ.हा बेटा जरुर! पापा इसके लिए ड्राई फ्रूट भी लाओ.हा बेटा जरुर.अभी मार्केट से ले आता हूँ.पापा कर लेकर मार्केट के लिए निकल पड़े.
पड़ोस की झुग्गी से एक औरत की आवाज आई -अजी सुनते हो अपने बचवा मोती के लिए स्वेटर लाइए!हा सकरात पर सेठानी जी दान में शायद स्वेटर ही बाटेगी.तब तक क्या मोती बेटा ठंडी में रहेगा ! तभी बंगले में से नोकर ने जुट की पुरानी बोरी फेकी.मोती का बाप मोती के लिए उसे लेकर आया बोला ले बचवा के लिए व्यवस्था हो गई.तभी बंगले से नोकर की आवाज आई मोती की माई बर्तन ले आओ बासी दाल और ठंडी रोटी ले जाओ.मोती की माँ ख़ुशी ख़ुशी दाल रोटी ले आई और मोती को खिलाने लगी.
साहब बाज़ार से शेगी के लिए गरम स्वेटर और ड्राई फ्रूट ले आये.शेगी को स्वेटर पहनाया गया,छोटे साहब ने शेगी को ड्राई फ्रूट खिलाये.दूर परेड मैदान में गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था.लाउड स्पीकर पर -जान गन मन का गान हो रहा था.मोती खड़ा हो कर दूर से दिख रहे तिरंगे को सलाम कर रहा था.
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