करनी ऐसी कर चलो
मित्रो हम क्या है!हम टी वी के सीरियल के पात्र है या सिनेमा में रोले करने वाले एक कलाकार मात्र है.जैसे फिल्म या टी वी सीरियल का director किसी कलाकार का रोल समाप्त कर देता है.उतनी देर का ही इस भोतिक संसार में हमारा ठहराव है.उपरवाला चाहे आप उसे किसी भी नाम से बुला लो उसी के हाथ में हमारी डोर है.वो जब चाहे इस संसारमें हमारा रोल समाप्त कर सकता है.हमें स्वयं के कुछ HONE पर गर्व नहीं करना चाहिए.
मित्रो हमारे रोल की समय सीमा तो उपरवाले के हाथ में है परन्तु हमें कैसा किरदार निभाना है ये हमारे हाथ में है चाहे राम का या रावन का.मित्रो मै ये नहीं कहता की हमें राम के जैसी उचैयो को छूना है.परन्तु हम छोटे छोटे कार्य अवश्य ही कर सकते है जिससे हमारी आने वाली पीढियों का जीवन सुखमय हो सकता है.जैसे हम अधिक से अधिक से पेड़ लगा कर पर्यावरण को सुन्दर बना सकते है.गरीब बच्चो की पढाई में सहायता कर उनका भविष्य उज्जवल बना सकते है -जिससे भविष्य में वे कोई गलत मार्ग न चुन ले.या अपने व्यव्हार के माध्यम से समाज के लिए एक उदहारण बन सकते है.
कबीर दस जी का दोहा या आ रहा है:
कबीर जब पैदा हुए जग हंसा हम रोए!
करनी ऐसी कर चलो
हम हँसे जग रोए.
मित्रो आप मेरे ब्लॉग प्रेम से पढ़ रहे है ये बढ़ाते हुए VISITS की संख्या बता रही है आप सभी को धन्यवाद और स्नेह भरा नमस्कार !
आपका मित्र राजेश भारद्वाज 919001896628
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