Thursday, December 2, 2010
गाडी बुला रही है
गाडी बुला रही है सिटी बजा रही है चलाना ही जिन्दगी है चलती ही जा रही है.मित्रो ये ब्लॉग उस युवा वर्ग के लिए है जो प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हेतु प्रयास कर रहे है.उन्हें ये शंका है की हमें सफलता मिलेगी या नहीं.नाकामयाबी ही कामयाबी की पहली सीढ़ी है.नाकामयाबी की आशंका से हमें अपने प्रयासों में कमी नहीं आने देनी चाहिये.हमें हमारे आस पास समाज में एसे अनेक लोग मिल जायेंगे जिन्होंने अपने निरंतर प्रयासों से अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया है.उनसे हमें प्रेरणा लेनी चाहिये.साधनों की कमी के बावजूद युवाओ ने अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त की है.लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सही दिशा में प्रयास करने चाहिये.उचित पुस्तकों एवं अनुभवी लोगो से मार्गदर्शन लेना चाहिये.मन में ये विश्वास रखना चाहिये की हम दृढ निश्चय के साथ प्रयास करेंगे तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी.शेष अगले ब्लॉग में आपका मित्र राजेश भारद्वाज
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