Sunday, November 28, 2010
जिंदगी का सफ़र
जिंदगी के सफ़र में गुजर जाते है. जो मुकाम वो फिर नहीं आते दोस्तों हमें अपने वर्तमान को बेहतर से बेहतर ढंग से जीने की कोशिश करनी चाहिए. यदि हम वर्तमान को बेहतर ढंग से नहीं जी सकते तो हमारा भविष्य भी अच्छा नहीं हो सकता है. हमारे अभी के रोल के अनुसार चाहे हमारा रोल स्टुडेंट का हो कर्मचारी का हो या व्यापारी का हो. हमें हमारा रोल बहुत कुशलता के साथ निभाना चाहिए. घर से मंदिर है बहुत दूर न जाया जाये ,चलो किसी रोते हुए बच्चे को हसाया जाये.जीवन को एक बहते हुए झरने की तरह चलने देना चाहिए.सरलता ही जीवन का मूल मंत्र होना चाहिए. जीवन चलने का नाम चलते रहो सुबह और शाम .अच्छी किताबे हमें जीने की राह दिखाती है उनसे मार्गदर्शन लेना चाहिये.आपके कमेंट्स के इंतजार में आपका मित्र राजेश भारद्वाज 09413247434
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