Sunday, November 28, 2010
जीवन चक्र LIFE CYCLE
साथियों जीवन में सुख दुःख एक चक्र की तरह आते जाते रहते है.हमें कभी भी कठिन परिस्तिथियों में घबरा कर हार नहीं माननी चाहिये.ऐसा कौन है.जिसके जीवन में दुःख नहीं आता. गौतम बुध के समय की कहानी है.एक मiहिला गौतम बुध के पास आयी और कहने लगी उसके पुत्र का निधन हो गया है.कृपया करके उसे जीवन प्रदान करे.तब गौतम बुध ने उसे किसी एक घर से मुठी भर चावल लेन को कहा जिसके घर में मृत्यु नहीं हुई हो. वह ऐसा नहीं कर सकी. कहने का मतलब यह है की सभी के जीवन में दुःख आते है.हमें उन्हें एक चुनोती के रूप में लेना चाहिये.बच्चे एवं महिलाये तनाव का शिकार जल्दी हो जाते है.आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते है. दुख के बाद सुख जरुर आता है.हमें धैर्य पूर्वक अच्छे समय की प्रतीक्षा करनी चाहिये.तूफ़ान में भी दीपक के सामान आशा की लो जलाये रखनी चाहिये.रोते रोते हसना सीखो हसते रोना.बहुत गंभीर बाते हो गई अगले ब्लॉग में हलाकि फुलकी चर्चा करेंगे आपका मित्र राजेश भारद्वाज 09413247434
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