Saturday, January 29, 2011

खुशियों की चाबी- II KEY OF HAPPINESS- II

                      नींद तो दर्द के बिस्तर पर भी आ सकती है,
                      उनके आगोश में सर हो,ये जरुरी तो    नहीं !
मित्रो आप सभी को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार! मित्रो सुकून,ख़ुशी कहाँ पर मिलेगी,कैसे मिलेगी!हमारा सारा जीवन इन सवालो के जवाब जानने में बीत जाता है.क्या सुकून/बहूत सारे पैसे कमाने में है.क्या सुकून अच्छे फ्लैट में है!आखिर ख़ुशी क्या भोतिक साधनाओ या वस्तुओ में है.क्या  जो लोग काम  साधन संपन्न है,वो प्रसन्न नहीं है?क्या  उनके जीवन में ख़ुशी नहीं है?आपने देखा होगा जो लोग सुदूर गाँव में बसते है या देश के सीमावर्ती इलाको में रहते है उनके चेहरे पर भी मुस्कान होती है.प्रायः श्रमिक जेठ की तपती दोपहर में पेड़ की थोड़ी सी छाव के नीचे निश्चिन्त होकर सोते है.साधन संपन्न लोगो का A C  की ठंडी   हवा में  भी मन व्याकुल रहता है.
                 मित्रो मै ये कहना  चाह रहा हूँ कि ख़ुशी/सुकून/प्रसन्नता हमारे दिल में है,हमारे जीवन जीने के तरीके में है.यदि हम जीवन को सकारात्मक जीने का प्रयास करेंगे तो हम हमेशा प्रसन्न रहेंगे.कोई लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो निराश नहीं होंगे.पुन नयी उर्जा के साथ उसे पाने का प्रयास करेंगे.खुशियों की चाबी हमारे पास है हम उसे भोतिक साधनों में ढूँढने  का प्रयास करते है.

Tuesday, January 25, 2011

जन गण मन JAN GAN MAN

जन गण मन
             पापा शेगी मेरा प्यारा डौगी है,इसको ठंडी लग रही है इसके लिए कुछ लाओ.हा बेटा जरुर! पापा इसके लिए ड्राई फ्रूट भी लाओ.हा बेटा जरुर.अभी मार्केट से ले आता हूँ.पापा कर लेकर मार्केट के लिए निकल पड़े.
पड़ोस की झुग्गी से एक औरत की आवाज आई -अजी सुनते हो अपने बचवा मोती के लिए स्वेटर लाइए!हा  सकरात पर सेठानी जी दान में शायद स्वेटर ही बाटेगी.तब तक क्या मोती बेटा ठंडी में रहेगा ! तभी बंगले में से नोकर ने जुट की पुरानी बोरी फेकी.मोती का बाप मोती के लिए उसे लेकर आया बोला ले बचवा के लिए व्यवस्था हो  गई.तभी बंगले से नोकर की आवाज आई मोती की माई बर्तन ले आओ बासी दाल और ठंडी रोटी ले जाओ.मोती की माँ ख़ुशी ख़ुशी दाल रोटी ले आई और मोती को खिलाने लगी.
         साहब बाज़ार से शेगी के लिए गरम स्वेटर और ड्राई फ्रूट ले आये.शेगी को स्वेटर पहनाया गया,छोटे साहब ने शेगी को ड्राई फ्रूट खिलाये.दूर परेड मैदान  में गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था.लाउड स्पीकर पर -जान गन मन का गान हो रहा था.मोती खड़ा हो कर दूर से दिख रहे तिरंगे को सलाम कर रहा था.

दिल तो बच्चा है DIL HAI BACHCHA

दिल तो बच्चा है
                       सभी मित्रों को राजेश भारद्वाज का स्नेह भरा नमस्कार!
                       कभी आप छोटे बच्चे को ध्यान से देखिये वह क्या करता है,आप देखोगे वो कुछ गाता  हुआ,गुनगुनाता हुआ,अपने खेल में मगन रहता है.संसार की चिन्ताओ से बेखबर अपने आप में मस्त रहता है क्यों न हम उससे प्रेरणा ले.अपने मन को,अपने दिल को उस बच्चे के जैसा बना ले.जीवन के सफ़र को बच्चे की तरह हँसते हुए गुनगुनाते हुए बिताने का प्रयास करे.हम क्या है कुछ देर के लिए भूल जाये.जीवन की भागम भाग में कुछ अवकाश के मिले तो उसे उसे उस बच्चे की तरह जीने का प्रयास करे.इससे हम आने वाला समय अधिक उर्जा के साथ और अधिक प्रसन्नता के साथ जी पाएंगे.सन्डे या कोई और छुट्टी के दिन कोई अच्छी पुस्तक या मगज़ीन पढ़ कर या कोई प्राकृतिक स्थान की सेर कर व्यतीत करे.आपको संगीत का शोक है तो संगीत का आनंद ले.जीवन को बहते हुए झरने की तरह जीने का प्रयास करे.हर दिन आपको नया दिन लगेगा.किसी को कुछ देने का प्रयास करे लेने का नहीं.इस प्रकार आप तनाव मुक्त जीवन जी सकते है -
                                                  जिसका दिल है बच्चा,वही आदमी है सच्चा!

Tuesday, January 4, 2011

फायदे का काम

फायदे का काम
              पिताजी मर गए,सभी के पिताजी एक न एक दिन स्वर्गवासी होते है.इसमें नई बात क्या है.पर इस बार प्रशाशनिक सेवा के अधिकारी मेहता  जी के पिताजी का इंतकाल हुआ है उनके सेक्रेटरी राम खिलावन को चिंता खाए जा रही है.सारा काम उसे ही निपटाना है.
                    सर रामखिलावन बोला :शमशान घाट दूर है क्या मुक्तिधाम का वाहन करना है! वो लोग  १५००  -२००० रूपये तक चार्ज करते है.साहब ने उसे ध्यान से देखा-राम खिलावन समझ गया,ठीक है सर P W D का ट्रक कर देता हूँ इंजीनियर  साहब को फोन कर देता हूँ.
                    फूल मालाए नगर परिषद्  के गार्डेन का माली भिजवा देगा.सर आपके पिता जी की अधिक आयु में मृत्यु हुई है बेन्ड बाजा मंगवाना चाहिये.साहब ने उसे फिर घूर के देखा अच्छे चमचे की तरह रामखिलावन फिर समझ  गया की मुख मुद्रा बने बोला -सर पुलिस का बैंड मंगवा लेते  है S P कही न कही एडजेस्ट   कर लेंगे.सर चन्दन की लकड़ी के लिए  तो फोरेस्टर साब को आप को ही फोन करना पड़ेगा,साब ने स्वीक्रति  की मुद्रा में सर हिला दिया.
                     सब काम  संपन्न होने के बाद शाम को रामखिलावन बोला-सर सब काम फायदे से हो गया.साब से प्रसन्नता से राम खिलावन की तरफ हाथ बढाया उसने भी गरम जोशी से साब से हाथ मिलाया.रामखिलावन को लगा उसका जीवन सफल हो गया!